अपने ही पार्टी की दाव पर लड़ाई चल रहे हैं शरद पवार और अजीत पवार के बीच में बड़ा झटका लगा शरद पवार को काफी सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है कि उनके भतीजे अजित पवार को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का करार दिया गया है साथ ही साथ यह भी फैसला किया गया है कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दिया जाए और साथ ही साथ यह भी फैसला किया गया कि शरद पवार को अपने पार्टी का नाम और चिन्ह दोनों इनको बुधवार तक तीन विकल्पों के साथ देना होगा| शरद पवार और अजीत पवार के बीच चल रहे 6 महीने से ज्यादा विवाद और 10वीं सुनवाई के बाद यह फैसला किया गया है| जिसमें आयोग ने दोनों पक्षों को सबूत पेश करने को कहा था साथ ही साथ इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष में पदाधिकारी और विधायकों और सांसदों के शपथ पत्र है इसके बाद चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों कासबूत देखने के बाद जिसमें विधान सभा विधान परिषद और लोकसभा और राज्यसभा के पार्टी के सदस्य के समर्थन के बाद आयोग ने अपना फैसला सुनाया| चुनाव आयोग से दिए गए 141पेज के फैसले में यह बताया गया कि अजीत पवार जो कि महाराष्ट्र पार्टी के 41 विधायक है और विधान परिषद के पांच सदस्य है और साथ ही साथ नागालैंड के भी 7 विधायक है झारखंड से एक और लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक सदस्य ने समर्थन दिया है| जबकि शरद पवार के समर्थन में महाराष्ट्र के केवल 15 विधायक के साथ विधान परिषद के चार सदस्य हैं और केरल के सिर्फ दो विधायक और लोकसभा के चार एवं राज्यसभा के तीन सदस्यों ने शपथ पत्र इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा से सिर्फ पांच विधायकों ने और लोकसभा के सिर्फ एक सदस्य ने दोनों ही पक्षों के साथ में फैसला दिया|